Thursday 11 September 2014

टोटका मन्त्र Totka Mantr

रावण संहिता में बताए गए अति सफल टोटके 


रावण संहिता में बताए गए टोटके अत्यंत सफल व फलदायी मानागया है। राशिफल गुरु द्वारा किएगए एक सर्वे के अनुसार करीब-करीब नब्बे प्रतिशत लोगों का मानना है कि रावण संहिता में बताए गए धन प्राप्ति के टोटके करने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। 



१.  रावण संहिता के अनुसार दुर्वा घास को बहुत ही चमत्कारि माना गया है। कपिला (सफेद) गाय का दूध तथा दुर्वा घास को मिलाकर उसका तिलक करने से भी धन प्राप्ति का योग बनता है।



२.  रावण संहिता के अनुसार किसी भी शुक्रवार को सवा सौ ग्राम साबुत बासमती चावल और सवा सौ ग्राम मिश्री को एक सफेद रुमाल में बांध कर मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थायी रूप से रहने की प्रार्थना करते हुए उनसे क्षमा मांगे। इसके बाद उक्त रुमाल को किसी साफ, शुद्ध एवं बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। ध्यान रखें कि यह सामग्री किसी नाले या गंदी नहर में न बहाएं नदी में बहाना उत्तम होगा।



३. रावण संहिता के अनुसार किसी भी चौराहे पर खड़े होकर काली मिर्च के 5 दाने अपने सिर पर से 7 बार घुमाकर 4 दाने चारों दिशाओं में और एक दाना आकाश की ओर उछाल दें। इससे अवश्य ही अकस्मात् धन लाभ होगा।



४. रावण संहिता के अनुसार यदि आप समाज या ऑफिस में अपना मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ाना चाहते हैं या लोगों को आकर्षित करना चाहते हैं तो निचे लिखे उपाय में से कोई एक उपाय अवश्य करें। आपको उन्नति हासिल करने से कोई नहीं रोक पाएगा।

आ)  बिल्वपत्र को पीसकर, उसमें बिजौरा नींबू और बकरी का दूध डालकर मिला लें और फिर इसका तिलक लगाएं।

ब)  अपामार्ग के बीज को पीसकर उसे बकरी के दूध डालकर मिला लें और फिर इसका तिलक लगाएं।



५. रावण संहिता के अनुसार समाज में वचर्स्व पाने के लिए सुखेहुए सफेद आक के फूल को सफेद गाय के दूध में मिला लें और हर रोज इसका तिलक लगाएं। इस तरह से धीरे-धीरे समाज में हर कोई आपको पसंद करने लगेगा और वचर्स्व बढ़ेगा।



रावण संहिता के अनुसार धनप्राप्ति के उपाय
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६.   प्रातकाल जल्दी उठकर, नित्यकर्मो से निवृत्त होकर, स्नान करने के बाद किसी वटवृक्ष (बरगद का पेड़ ) के नीचे चमड़े का आसन बिछाकर बैठजाए और रूद्राक्ष की माला से निचे लिखे मन्त्र को 21 दिन तक लगातार जप करे तो जीवन में धन प्राप्ति के योग बनने लगेंगे।

‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा’



७.  किसी भी शुभ अवसर जैसे अक्षय तृतीया, दीपावली, होली आदि की मध्यरात्रि में किया गया यह उपाय सालभर के भीतर धन प्राप्ति का योग बनाता है। इस उपाय को करने के लिए दीपावली की मध्यरात्रि में कुमकुम या अष्टगंध से थाली पर निचे लिखे मन्त्र को लिखें तथा आसान पर बैठकर रुद्राक्ष या कमल गट्टे की माला से निचे लिखे मन्त्र का 108 या इससे ज्यादा बार जप करें।

‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी, महासरस्वती ममगृहे आगच्छ-आगच्छ ह्रीं नम’



८.  दीवाली की रात में विधि-विधान से महालक्ष्मी का पूजन करके सो जाएं और सुबह जल्दी नींद से उठें (नींद से उठना है बिस्तर से नहीं) और बिस्तर छोड़ने के पहले 108 बार निचे लिखे मन्त्र का जप करें तथा मन्त्र का जप पूर्ण होने के बाद दसों दिशाओं में दस-दस बार फूंक मरने से धन का अभाव धीरे धीरे समाप्त ही जाता है।

‘ॐ नमो भगवती पद्म पदमावी ऊँ ह्रीं ऊँ ऊँ पूर्वाय दक्षिणाय उत्तराय आष पूरय सर्वजन वश्य कुरु कुरु स्वाहा’



९.  रावण संहिता के अनुसार यदि धन प्राप्ति में बार-बार रुकावटे आती है या धन फसाहुआ है तो 40 दिनों तक लगातार निचे लिखे मन्त्र का जप करें। यह महालक्ष्मी से संबंधित तांत्रिक मंत्र है। यदि इस मन्त्र का रोजाना एक माला जप किया जाए तो कुछ दिनों में धन से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है।

‘ॐ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं, श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा’



१०.  रावण संहिता के अनुसार यदि कोई कर्ज से परेशान हैं तो निचे लिखे मंत्र को एक महीने तक रोजाना 1000 बार जप करें तथा जब एक महीना पूरा हो जाए तो ब्राह्मणों और कुंबारी कन्याओं को भोजन कराये इससे ना सिर्फ कर्ज की परेशानी दूर होगी बल्कि धन का आगमन भी सुदृढ़ होगा। यह कुबेर से संबंधित मंत्र है यदि इस मन्त्र का रोजाना एक माला जप किया जाए तो कुछ दिनों में धन से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है। इस मंत्र का जाप को करते समय माता लक्ष्मी की कौड़ी को अपने पास रखें तथा मंत्र जाप करने के बाद कौड़ी को अपने तिजोरी में रख दें।

‘ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा’



११. रावण संहिता के अनुसार खोया हुआ धन, उधार दिया हुआ धन अगर वापस नहीं आ रहा हो या गड़ा हुआ धन प्राप्त करने के लिए निचे लिखे मन्त्र का सवा महीने तक 10,000 बार तक जप करें तो धनवापस आ जाएगा।

‘ॐ नमो विघ्नविनाशाय निधि दर्शन कुरु कुरु स्वाहा'



नोट: उपरोक्त सभी तंत्रोक्त उपाय में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है बेहतर होगा कि इन उपायों को किसी विशेषज्ञ की उपस्थिति तथा दिशा-निर्देश में किया जाए अन्यथा ये उपाय निष्फल या कम लाभकारी हो सकते हैं।



लाल किताब के अनुसार धन, सुख और शांति के लिए आजमा लें ये सिद्ध टोटके



१. घर में 10 वस्तुएं अवश्य रखें। पहला चांदी से बना ठोस हाथी, दूसरा पत्थर की घट्टी, तीसरा पीतल-तांबे के बर्तन, चौथा मिट्टी के बर्तन में शहद, पांचवां काला सुरमा, छठा चांदी की डिब्बी जिसमें पानी भरा हो, सातवां काला सुरमा, आठवां देशी गुड़, नौवां चांदी का एक चौकोर टुकड़ा और दसवां हनुमानजी का चित्र या मूर्ति।


२. घर को वास्तु अनुसार ही बनाएं। वास्तु अनुसार नहीं बना है तो उसमें सुधार करवाएं। घर के वास्तुदोष को मिटाने के लिए कर्पूर का बहुत‍ महत्व है। यदि सीढ़ियां, टॉयलेट या द्वार किसी गलत दिशा में निर्मित हो गए हैं तो सभी जगह 1-1 कर्पूर की बट्टी रख दें। वहां रखा कर्पूर चमत्कारिक रूप से वास्तुदोष को दूर कर देगा।


३. 5 काम वर्ष में 2 बार अवश्य करें। पहला अलग-अलग पानीदार नारियल लेकर अपने और अपने परिवार के सदस्यों के ऊपर से 21 बार वार कर उसे अग्नि में जला दें। इसी तरह 21 बार वार कर बहते पानी में बहा दें। दूसरा काम तांबे के लोटे में जल भरकर उसे सिरहाने रखकर सोएं और सुबह उठते ही उसे बाहर ढोल दें या कीकर के वृक्ष में डाल दें। तीसरा कार्य काला और सफेद दोरंगी कंबल 21 बार खुद पर से वार कर किसी गरीब को दान करें। चौथा कार्य बहते पानी में रेवड़ियां, बताशे, शहद या सिंदूर बहाएं। पांचवां कार्य कभी-कभी आंखों में काला सुरमा लगाएं।


४. नाक और कान छिदवाएं। कुंडली की जांच करके किसी अच्छे मुहूर्त में बुधवार के दिन नाक छिदवाएं या गुरुवार के दिन गुरु का दान कर दें। नाक में चांदी का तार 43 दिन तक डालकर रखें और कान में सोने का तार।


५. शनि के मंदे कार्य न करें, जैसे परस्त्रीगमन, शराब पीना, ब्याज का धंधा करना और किसी मनुष्य या प्राणी को सताना। प्रति शनिवार को छाया दान नहीं कर सकते हैं तो कम से कम 11 शनिवार को छाया दान करें।


६. प्रतिदिन हनुमान मंदिर जाएं और पीपल को जल चढाएं। हनुमान चालीसा पढ़ें। हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। प्रतिदिन नहीं जा सकते हैं तो प्रति मंगल, गुरु और शनिवार को मंदिर जाएं। मंदिर के वृद्ध पुजारी या शिक्षक को पीला वस्त्र, धार्मिक पुस्तक या पीले खाद्य पदार्थ दान करें।


७. एकादशी, प्रदोष या गुरुवार का व्रत रखें। पीला वस्त्र धारण करें। प्रतिदिन केसर या हल्दी का तिलक लगाएं। नाभि पर घी लगाएं। गुरुवार को नमक न खाएं।


८. अपने या दूसरों के प्रति कटु वचन न बोलें। मुंह से गाली न निकालें। गृहकलह से बचें। मन में बुरे खयाल न लाएं। हमेशा सकारात्मक सोचें। इसके लिए घर में प्रतिदिन सुबह और शाम को कर्पूर जलाएं।


९. वृक्ष, चींटी, पक्षी, गाय, कुत्ता, कौवा, कछुआ, मछली, वृद्ध, अनाथ, कन्या, अशक्त मानव आदि प्राणियों के अन्न-जल की व्यवस्था करने से इनकी हर तरह से दुआ मिलती है। अत: इन सभी को अन्न और जल देते रहने से पितृदोष, राहु-केतु दोष, शनि दोष, शुक्रदोष आदि दोष तो दूर होते ही हैं साथ ही व्यक्ति कर्ज, आकस्मिक संकट और दुर्घटना से भी बचा रहता है।


१०. यदि आप संकटों से जूझ रहे हैं, बार-बार एक के बाद एक कोई न कोई संकट से आप घिर जाते हैं तो किसी की शवयात्रा में श्मशान से लौटते वक्त कुछ सिक्के पीछे फेंकते हुए आ जाएं।